गोवत्स कृष्ण किरण गोपाल
जीवन परिचय
1. नाम :- गोवत्स कृष्ण किरण गोपाल
(पत्रावली नाम किरण भाई अमरत भाई आचार्य)
2. जन्म स्थान :- गांव- भडवेल, तहसील- वाव, जिला – बनास-कांठा, *गुजरात*
3. जन्म दिनांक :- 24/10/1997
4. शिक्षा:- 1. संस्कृत में शास्त्री एवं
2. आचार्य(M.A.) संत श्री संद्यागिरी बापू संस्कृत वेद विद्यालय, समाखियारी, कच्छ, गुजरात
सामान्य लौकिक जीवन परिचय :-
प्राप्त वर्तमान शरीर का जन्म गुजरात के एक छोटे से गांव भडवेल में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। मेरे पिता कृषि कार्य किया करते है। मेरी प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई और संस्कृत की शिक्षा संत श्री संद्यागिरी बापु संस्कृत वेद विद्यालय (समाखियारी-कच्छ) से भगवतगिरी बापु के सानिध्य में हुई। जब 2011 मे नंदगांव (पथमेड़ा) में सुरभि यज्ञ प्रारंभ हुआ, तब प्रथम बार सुरभि यज्ञ करने का अवसर मिला। शास्त्री (कॉलेज) का अभ्यास जब पूर्ण हुआ, तब श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा की स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश पर 1 वर्षीय रजत जयंती महोत्सव में जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। रजत जयंती महोत्सव से मैंने गो कृपा से बहुत कुछ प्राप्त किया। इस आयोजन से मेरे जीवन में भगवती गौमाताजी की सेवा प्राप्त हुई। अपने द्वारा किए जा रहे सामान्य कर्म कर्मकांड को मैंने गो आधारित कर्मकांड कर दिया। भगवती गौ माता का यज्ञ, अनुष्ठान, हवन, पूजा-पाठ इत्यादि में इतना महत्व है, यह ज्ञान मुझे पूर्व में कहीं से प्राप्त नहीं हुआ।
श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा में परम पूज्य गोऋषि श्री दत्तशरणानंदजी महाराज जी के सानिध्य में चल रही गौ-सेवा का दर्शन कर, मुझे यह ज्ञात हुआ की कोई भी यज्ञ, अनुष्ठान या कर्मकांड भगवती गौमाता के बिना संपन्न नहीं हो सकता है। गौमाता जी की सेवा मिली और साथ ही साथ परम पूज्य गोऋषि श्री दत्तशरणानंदजी महाराज जी का आशिर्वाद मिला ।
एक बार श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा की एक शाखा श्री राजाराम गौ-सेवा आश्रम, टेटोडा, डिसा, गुजरात में परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान ग्वाल संतश्री गोपालाचार्य स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती जी महाराज जी की गो कृपा कथा का आयोजन हुआ। पथमेडा द्वारा इस आयोजन में जाने का अवसर मिला, जिसमें प्रथम बार गुरुदेव भगवान के दर्शन एवं उनकी दिव्य अमृतमयी वाणी श्रवण करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। गुरुदेव भगवान के मुखारविंद से भगवती गोमाता की अद्भुत महिमा का श्रवण करके मेरे मन में बचे समस्त संशय मिट गए।
पूज्य गुरुदेव भगवान के माध्यम से चल रही विश्व की सबसे पहली लम्बी व सबसे बड़ी पदयात्रा “”31 वर्षीय गो पर्यावरण एंव अध्यात्म चेतना पदयात्रा”” का गुजरात के कच्छ क्षेत्र के अंजार में सद्गुरु श्री रायमल धाम आश्रम में आगमन हुआ। उस समय परम पूज्य गुरुदेव भगवान द्वारा मंत्र दीक्षा लेने का सुअवसर प्राप्त हुआ। ईश्वर की अद्भुत कृपा हुई और ऐसे त्यागी तपस्वी एवं परम गौभक्त गुरु का सानिध्य प्राप्त हुआ। उस क्षण से ही मैंने आजीवन गोवर्ती होने का निर्णय किया। पूर्वजन्म के पुण्यकर्मों के प्रभाव से श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित कामधेनु गौ अभयारण्य, सालरिया, आगर-मालवा, मध्य प्रदेश, में परम पूज्य गुरूदेव भगवान के मुखारविंद से एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव में एक वर्ष तक कथा श्रवण करने का तथा विग्रह पूजन, गो पूजन, गो-सेवा करने का सुअवसर मिला। ग्वाल शक्ति सेना (जी.एस.एस) के माध्यम से पूरे भारतवर्ष में गौमाता की सेवा का प्रचार करने का संकल्प लिया। पूज्य गुरुदेव भगवान के सानिध्य में गो-कथा का अध्ययन करने का अवसर मिला और साथ ही साथ जीवन में एक लक्ष्य भी मिला….की चाहे कुछ रहे या ना रहे…गौ सेवा जीवन में अवश्य रहेगी।
जिम्मेदारीयाँ :-
1. पंचांग प्रभारी – ग्वाल सक्ति सेना (G,S,S,)
2. 43 नियमों का पालन करते हुए गो कृपा कथा के माध्यम से गो महिमा का प्रचार करना।
3 गो आधारित, पूजा विधि, कर्मकांड सम्पादित करना।
कार्य सिद्धि हेतु संकल्प :-
1. गोव्रती प्रसादी का ही प्रयोग करना।
2. पूर्ण व्यसन मुक्त होकर जीवन-यापन करना।
3. गो-सेवा & गो-दर्शन करके प्रसादी ग्रहण करना।
संपर्क सूत्र :-
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